स्तनपान से संबंधित समस्याओं का समाधान अब एक मोबाइल एप में

ब्रेस्टफीडिंग प्रमोशन नेटवर्क ऑफ़ इंडिया द्वारा 7 अगस्त 2020 को स्तनपान सुरक्षा मोबाइल एप को ऑनलाइन लॉन्च किया गया ! यह एप स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए एक वरदान साबित होगा  और उन सभी माताओं के लिए मददगार रहेगा जिन्हें स्तनपान से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है !

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ, भारत) और भारत सरकार द्वारा सार्वजनिक रूप से चलने वालें “माँ (Mothers Absolute Affection) प्रोग्राम”  यह सलाह देता  है कि  बच्चे को जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान कराना चाहिये और माँ और बच्चे के स्वास्थ्य और सेहत के लिए सुरक्षित त्वचा से त्वचा संपर्क कराना चाहिए क्योंकि जन्म के पहले एक घंटे बच्चा सबसे ज्यादा सक्रिय होता है! शिशु को प्रथम 6 महीने तक सिर्फ स्तनपान करायें और 6 महीने की उम्र के बाद, बच्चों को अर्ध-ठोस, नरम भोजन (पूरक भोजन) दिया जाना चाहिए और उसके साथ स्तनपान दो साल और उससे अधिक समय तक जारी रखना चाहिए, क्योंकि यह पोषण, ऊर्जा और बीमारी से सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।

स्तनपान के दौरान ध्यान में रखने वाली बातें: जन्म के बाद माँ का दूध उसे सुरक्षा प्रदान करता है शिशु के जन्म के बाद,पहले कुछ दिनों तक आने वाला दूध जिसे “कोलोस्ट्रम” कहते है, शिशु को अवश्य पिलाएं क्योंकि यह शिशु को संक्रामक रोगोँ व बीमारियों से बचाता है ! ध्यान रखे कि शिशुओं को बस माँ का दूध दे और उसके अलावा कुछ और ना दें जैसे की शहद, दाल का पानी,चावल का पानी या कुछ और खाने की वस्तु! यह भी ध्यान में रखें की बच्चे की मांग पर स्तनपान कराया जाना चाहिए और अपने बच्चे को दिन में 8-10 बार स्तनपान कराने की कोशिश करें क्योंकि माँ का दूध ही बच्चे के लिये सर्वोत्तम आहार है !

शिशु को स्तनपान से होने वाले लाभ : स्तनपान कराना शिशु के लिये लाभदायक है क्योंकि माँ के दूध में पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा होती हैं व उत्तम प्रोटीन, वसा, लैक्टोज, विटामिन, लोहा, मिनरल , पानी व एंजाइम होतें हैं, जो आपके शिशु की जरुरत के अनुसार है इसी के साथ माँ के दूध में गाय से अधिक मात्रा में लोह और विटामिन डी, ए एवम् सी होतें हैं इसलिये माँ का दूध स्वच्छ होता है व सभी दूषित जीवाणुओं से मुक्त होता है, और तो और माँ के दूध में सभी संक्रामक रोगों से लड़ने की शक्ति होती है इसलिए यह शिशु को दस्त व सांस की बीमारियों से बचाता है ! माँ के दूध से शिशुओं के बड़े होने पर डायबिटीज, दिल की बिमारियां, एक्जिमा, अस्थमा एवम् अन्य एलर्जी रोग होने की संभावना भी कम होती है !

स्तनपान से माँ को होने वाले लाभ : यह शिशु के पैदा होने के बाद होने वाले रक्त के बहाव को रोकता है तथा माँ में खून की कमी होने के खतरें को कम करता है और स्तनपान कराने वाली माताएं कम मोटी होती है क्योंकि यह वजन कम करने में भी सहायक होता है !यह शिशुओं के जन्म में अंतर रखने में भी सहायक होता है ! इसी के साथ यह स्तन और अंडाशय के कैंसर के ख़तरे को कम करता है! केवल यह ही नही छः माह तक केवल स्तनपान कराते रहने से माँ और शिशु में प्यार बढ़ता है ! इसी के साथ यह समुदाय के लिए भी लाभकारी है क्योंकि इससे शिशु कम बीमार पड़ते हैं व् उनकी मृत्यु होने की संभावना भी कम होती है, इसलिये शिशु की देखभाल में परिवार का कम खर्च होता है  (अधिक जानकारी के लिये https://www.bpni.org/information-for-parents/# इस पर जा सकते है)

माताओं को स्तनपान से संबंधित होने वाली परेशानिया

ऐसा देखा गया है जो मातायें पहली बार माँ बनती है उन्हें कई प्रकार की परेशानिया होती है ! कई बार माँ कुछ मुश्किलों के कारण स्तनपान नहीं करा पाती जिसके कारण उन्हें शिशु को ऊपर का दूध या पाउडर वाला दूध देना पड़ता है! यह मुश्किलें फ्लैट निप्पल, अंदर धंसे निप्पल, छाती भारी होना, सूजन, दुखते निप्पल या पर्याप्त मात्रा में बच्चे को दूध का ना मिलना भी हों सकता है ! यदि समय पर इस समस्या का हल मिल जाये तो स्तनपान सफल हो सकता है और माँ की परेशानी कम हो सकती है! इन समस्याओं का निवारण हों सकता है और सही परामर्श से इनका समाधान भी निकल सकता है !

स्तनपान सुरक्षा एप हर महिला की समस्या का समाधान

ब्रेस्टफीडिंग प्रमोशन नेटवर्क ऑफ़ इंडिया एक ऐसा माध्यम प्रदान कर रहा है जिसमे किसी भी क्षेत्र की माँ अपनी परेशानियों का बेझिझक होकर बी.पी.एन.आई. द्वारा नियुक्त किये गए लैक्टेशनल काउंसलर से परामर्श ले सकती हैं !

बी.पी.एन.आई. का लक्ष्य हर माँ की स्तनपान से संबंधित समस्या को हल करना है क्योंकि बी.पी.एन.आई ऐसी जानकारी और जागरूकता देने में यकीन करता है जिस पर बिना संदेह के यकीन किया जा सके !

कोई भी इस ऐप को Google Play और Apple Store पर डाउनलोड कर सकता है। इसे “BPNI स्तनपान सुरक्षा” नाम से खोजा और डाउनलोड किया जा सकता है।

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